बच्चे मन के सच्चे माने जाते हैं और हम सभी के बहुत लाडले भी होते हैं। लेकिन जब बात अधिकारों की आती है तो हम में से बहुतों को यह भी नहीं पता होता कि उनके कुछ अधिकार भी हैं। इस वजह से कई बार बच्चे प्रताड़ना के शिकार भी होते हैं।
हम उन्हें अपने तरीके से डील करते हैं, क्योंकि हम बाल अधिकारों के प्रति अनभिज्ञ होते हैं। एक बच्चे के क्या अधिकार हैं? संयुक्त राष्ट्र संघ और भारतीय संविधान द्वारा उन्हें कौन से अधिकार प्रदान किए गए हैं? यदि बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है
मित्रों, आगे बढ़ने से पूर्व सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि बाल अधिकारों से क्या तात्पर्य है? साथियों, बाल अधिकार (Children rights) दरअसल, नाबालिगों की देखभाल एवं विशिष्ट सुरक्षा के रूप में बच्चों को मिलने वाले व्यक्तिगत मानवाधिकारों (individual human rights) को कहा जाता है।
बच्चों के हितों के मद्देनजर बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी सरकारों द्वारा कई प्रावधान किए गए हैं।
मित्रों, सबसे पहले जान लेते हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ (united nations organization) यानी यूएनओ (UNO) की ओर से बच्चों को क्या अधिकार प्रदान किए गए हैं।
20 नवंबर, 1959 की बात है। संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा की बैठक में बच्चों के अधिकारों को लेकर एक घोषणा-पत्र जारी किया गया था।
लगभग 30 वर्ष के लंबे समय के पश्चात 20 नवंबर, 1989 को संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल देशों ने बच्चों के अधिकारों से संबंधित. इस घोषणा-पत्र पर अपनी सहमति जताते हुए हस्ताक्षर किए।
बाल अधिकार क्या हैं? अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे?