दोस्तों, आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि ईटीएफ क्या है? आपको बता दें कि ईटीएफ (ETF) की फुल फॉर्म एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड (exchange traded fund) है।

मित्रों, यह भी एक प्रकार का म्यूचुअल फंड ही है। लेकिन म्यूचुअल फंड एवं ईटीएफ में मूलभूत अंतर बस ये है कि इसे सिर्फ स्‍टॉक एक्‍सचेंज (stock exchange) से ही खरीदा या बेचा जा सकता है।

दोस्तों, जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, ईटीएफ (ETF) किसी एक्‍सचेंज (exchange) के साथ ही ट्रेडिंग (trading) करने की सुविधा देता है। इसमें कई प्रकार के डेट विकल्‍पों (debt options) एवं बांड (bond) का बंच होता है।

निवेशक अपने हिसाब से कुछ भी चुन सकता है। एक और खास बात यह है कि जैसे कोई निवेशक एक्‍सचेंज पर कारोबार के दौरान ही शेयरों की खरीद-बिक्री करता है, उसी प्रकार ईटीएफ में भी केवल कारोबारी घंटों के दौरान ही ट्रेडिंग (trading) की जा सकती है

– यदि आपका ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) है तो शेयर मार्केट की कारोबारी अवधि के दौरान आप आसानी से शेयरों की तरह ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं।

आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि बीते पांच साल में ईटीएफ का एयूएम (AUM) 65 प्रतिशत सीएजीआर (CGAR) की दर से बढ़ा है। सन् 2015-16 में कुल एयूएम में ईटीएफ की हिस्‍सेदारी केवल 2 प्रतिशत थी, जो कि सन् 2023-21 में बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई।

अब यहां एयूएम (AUM) का अर्थ भी आपको बता दें। एयूएम की फुल फॉर्म होती है-एसेट अंडर मैनेजमेंट (asset under management)। ये दरअसल, संबंधित फंड हाउस के साइज एवं सफलता का संकेतक होता है।

आपको बता दें मित्रों कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में सर्वाधिक निवेश ईपीएफओ (EPFO) जैसे संस्‍थागत निवेशकों का है। यदि ग्लोबल मार्केट (global market) की बात करें तो पिछले 10 साल में इसमें ईटीएफ का सीएजीआर 19 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

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