Sleeping Pills Effect: क्या स्लीपिंग पिल्स का असर हो रहा है कम? जानें इसके पीछे की वजह
Sleeping Pills Effect: क्या स्लीपिंग पिल्स का असर हो रहा है कम? जानें इसके पीछे की वजह
नींद न आने की वजह से लोगों में स्ट्रेस, हार्ट डिजीज और हाई बीपी होने की संभावना बढ़ सकती है.
नींद न आने की वजह से लोगों में स्ट्रेस, हार्ट डिजीज और हाई बीपी होने की संभावना बढ़ सकती है.
स्लीपिंग पिल्स लेना लोगों के रुटीन में शामिल होता जा रहा है. लंबे समय तक स्लीपिंग पिल्स लेने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
स्लीपिंग पिल्स लेना लोगों के रुटीन में शामिल होता जा रहा है. लंबे समय तक स्लीपिंग पिल्स लेने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
वैसे तो स्लीपिंग पिल्स डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए लेकिन कई लोग इसे अपनी मर्जी से लेना शुरू कर देते हैं.
वैसे तो स्लीपिंग पिल्स डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए लेकिन कई लोग इसे अपनी मर्जी से लेना शुरू कर देते हैं.
इंसोमेनिया की वजह से नींद में कमी आने लगती है. लगातार स्लीपिंग पिल्स लेने की वजह से बॉडी क्लॉक में अंतर आने लगता है.
इंसोमेनिया की वजह से नींद में कमी आने लगती है. लगातार स्लीपिंग पिल्स लेने की वजह से बॉडी क्लॉक में अंतर आने लगता है.
स्लीपिंग पिल्स के लगातार प्रयोग से ब्रेन पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता. प्रोपर नींद न होने की वजह से इंसोमेनिया हो सकता है.
स्लीपिंग पिल्स के लगातार प्रयोग से ब्रेन पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता. प्रोपर नींद न होने की वजह से इंसोमेनिया हो सकता है.
शरीर को जब स्लीपिंग पिल्स की आदत पड़ जाती है तो इसका असर कम होने लगता है.
शरीर को जब स्लीपिंग पिल्स की आदत पड़ जाती है तो इसका असर कम होने लगता है.
एक भी दिन गोली न लेने पर ब्रेन नींद के लिए तैयार नहीं होता जिससे पूरे शरीर का फंक्शन बिगड़ सकता है.
एक भी दिन गोली न लेने पर ब्रेन नींद के लिए तैयार नहीं होता जिससे पूरे शरीर का फंक्शन बिगड़ सकता है.
कई महीनों तक लगातार स्लीपिंग पिल्स लेने से दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है. स्लीपिंग पिल्स लेने से याद्दाश्त कमजोर होने लगती है
कई महीनों तक लगातार स्लीपिंग पिल्स लेने से दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है. स्लीपिंग पिल्स लेने से याद्दाश्त कमजोर होने लगती है
और धीरे-धीरे ब्रेन काम करना बंद कर देता है. इतना ही नहीं मेमोरी कम होने से अधिक उम्र में अल्जाइमर जैसी बीमारी की संभावना भी बढ़ जाती है.
और धीरे-धीरे ब्रेन काम करना बंद कर देता है. इतना ही नहीं मेमोरी कम होने से अधिक उम्र में अल्जाइमर जैसी बीमारी की संभावना भी बढ़ जाती है.