दोस्तों, आपको बता दें कि यह बहनों को सबसे बड़ा अधिकार है। पैतृक संपत्ति में बहन का भी उतना ही अधिकार है, जिनता कि भाई का। आपको बता दें दोस्तों कि
इस संबंध में सन् 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (hindu inheritance act) में एक अहम संशोधन (important ammendment) भी लाया गया।
इसके पश्चात सुप्रीम कोर्ट (supreme court) की ओर से सन् 2020 में दिए गए एक फैसले ने इस संबंध में किसी भी प्रकार की आशंका एवं संशय को समाप्त कर दिया। पैतृक संपत्ति के मामले में भाई-बहन को बराबरी पर ला दिया।
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि यदि किसी युवती के भाई की मृत्यु हो गई है और उसकी मां, पत्नी व बच्चे उसके वारिस नहीं हैं तो ऐसे में भाई की संपत्ति पर दावा करने का उसे पूरा अधिकार है।
वह इसके लिए बेखटके अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है। इसे इससे कोई नहीं रोक सकता। (भारतीय संविधान indian constitution) की धारा (section)- 498 के अनुसार एक बहन को यदि घर में भाई के हाथों किसी भी वजह से घरेलू हिंसा (domestic violence) झेलनी पड़ रही है
तो वह इस हिंसा के खिलाफ आवाज उठाते हुए केस फाइल (case file) कर सकती है। यदि वह किसी भी कारण से रिपोर्ट दर्ज करा पाने में सक्षम नहीं है तो उसकी ओर से कोई भी यह शिकायत दर्ज (complaint file) करा सकता है।
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि एक बहन को भाई के साझे घर में रहने का भी अधिकार है। आपको बता दें ऊ सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के हितों की रक्षा को लेकर एक अहम फेसला सुनाया था।
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