गांवों में जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद आम बात है। कई मामले तो ऐसे हैं, जो अदालत में पहुंचते हैं और सालों उन पर फैसला नहीं होता। रंजिश सालों चलती है। इन सब मामलो से छुटकारा दिलाने के लिए पीएम स्वामित्व योजना को शुरू किया गया है।

पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत किसानों को ऑनलाइन उनका मालिकाना हक दिलाया जाएगा। इसके साथ ही गांवों को ई-गवर्नेंस से जोड़ा जाएगा। जिससे गॉव में निवास करने वाले नागरिको को काफी आसानी होगी

पीएम स्वामित्व योजना जिसकी शुरुआत वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज दिवस के अवसर पर यानी 24 अप्रैल, 2023 की शुरुआत की थी. इस योजना का संचालन पंचायती राज विभाग के जिम्मे है।

किसानों समेत गांव वालों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। साधारण शब्दों में कहें तो पीएम स्वामित्व योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों के किसानों की जमीनों की आनलाइन देखरेख मुहैया कराना है।

इस योजना की शुरुआत छह राज्यों, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र उत्तराखंड, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में की जा रही है। मध्य प्रदेश की बात करें तो पहले साल में चुने गए 10 जिलों में मुरैना, श्योपुर, सागर, शहडोल, खरगौन, विदिशा, भोपाल, सीहोर, हरदा और डिंडोरी शामिल हैं।

छह राज्यों में इसकी शुरुआत हो चुकी है। सन् 2024 तक इसको देश के हर गांव में पहुंचाने का लक्ष्य है। सरकार का ई गवर्नेंस का लक्ष्य तभी पूरा होगा जबकि सभी गांवों को इस योजना से जोड़ दिया जा सके। जो कि इस पीएम स्वामित्व योजना की बुनियाद भी है।

पीएम स्वामित्व योजना की खास बात यह है कि गांवों में जमीन की मैपिंग ड्रोन के माध्यम से होगी। एक नज़र में सभी जमीनों की हकीकत सामने होगी। इससे सर्वे के कार्य में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की आशंका की गुंजाइश भी एकदम खत्म होगी।

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