Cyber Criminals: ऑनलाइन ठगी के बदलते रूप, नटवर लाल से भी खतरनाक हैं ‘नेटवर्क लाल’

नागपुर का अजीत पारसे पिछले करीब दो साल से आए दिन खबरों में छाया रहा है।

पुलिस की सायबर अपराध शाखा उसे इंटरनेट टेक्नोलॉजी से जुड़े अपराधों की छानबीन में मदद के लिए बुलाती थी

शहर के एक होम्योपैथ डॉक्टर राजेश मुरकुटे ने उसके खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी।

डॉ. मुरकुटे का आरोप था कि पारसे ने उसे ब्लैकमेल कर साढ़े चार करोड़ रूपये वसूले हैं।

डॉ. मुरकुटे द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी के मुताबिक पारसे ने उन्हें यकीन दिलाया कि उसकी पीएमओ में अच्छी पैठ है

और वह होम्योपैथी कॉलेज खोलने के लिए पीएमओ से ग्रांट दिला सकता है। डॉक्टर मुरकुटे को फंड तो नहीं मिला, लेकिन अजीत पारसे ने मदद के नाम पर उनसे करीब 4.5 करोड़ रुपए ऐंठ लिये।

हम साइब्रर फ्रॉड के जितने भी मामले देखेंगे, उनमें अधिकतर में किसी न किसी प्रलोभन या भय की भावना को प्रमुखता से मौजूद पायेंगे।

कोई न कोई कॉल, मैसेज या व्हाट्सएप्प् पोस्ट या नौकरी/शादी/डेटिंग का प्रपोजल हमें चुंबक की तरह अपनी ओर खींच ही लेता है

जिससे पता चलता है कि ठगे जाने का संबंध हमारे ज्ञान या अनुभव से नहीं, बल्कि उस लालच और डर से है जिसका लाभ ठग उठाते हैं और हमें ठगकर चले जाते हैं।