इसका सबसे बड़ा उदे्दश्य यह था कि लोगों को उनके दरवाजे पर ही स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके, ताकि उन्हें अस्पतालों की ओर न भागना पड़े। वहां भी भीड़ कम रहे और वहां आ रहे लोगों का इलाज ठीक प्रकार से हो सके।

दिल्ली मोहल्ला क्लीनिक में निर्धन वर्ग के लोगों को मुफ्त जांच, दवाओं और परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई गई।  इससे गरीबो लाभ मिलेगा।

मोहल्ला क्लीनिक में 212 तरह की जांच मुफ्त की जाती हैं। इसके अलावा यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि किसी मरीज को अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता महसूस होती है तो डॉक्टर के लिखने पर किसी निजी लैब में वह जांच की जाएगी। ऐसे में यह मोहल्ला क्लीनिक निर्धन और अन्य वर्गों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रहे हैं।

मोहल्ला क्लीनिक जाने वाले मरीजों में 50 प्रतिशत महिलाएं हैं और 30 फीसदी बुजुर्ग और बच्चे। बीते साल सितंबर में जारी आंकड़ों की बात करें तो यहां 1,62,46000 मरीजों का ओपीडी में इलाज किया जा चुका है, जबकि 15,32,298 मरीजों की इन क्लीनिकों में जांच की जा चुकी है।

दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों के खुलने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि यहां से झोला छाप डॉक्टर एकदम गायब हो गए हैं। पहले गरीब लोग घर के पास सस्ता इलाज मिलने की वजह से झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पड़ते थे। अब दिल्ली से कम से कम यह परेशानी दूर हो गई है।

आम जनता की सुविधा को देखते हुए मोहल्ला क्लीनिक दो शिफ्टों में चल रहे हैं। एक शिफ्ट सुबह से दोपहर तक और दूसरी दोपहर से शाम तक चलती है। इससे फायदा यह होता है कि एक तो भीड़ से निजात मिलती है और दूसरे लोग अपनी सुविधा के अनुसार अपनी जांच या इलाज के लिए जा सकते हैं।

वर्तमान समय मे दिल्ली में 450 से भी ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक खोले जा चुके है। जिन पर सरकार की तरफ फ्री स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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