आपने MICR कोड के बारे में जरूर सुना होगा | जब भी आप बैंक में किसी प्रकार का ट्रांजैक्शन करते हैं | तब आपको IFSC कोड और MICR कोड की जरूरत होती है |

IFSC कोड और एमआईसीआर कोड बैंक ट्रांजैक्शन को पूरा करने में यूज किए जाते हैं | IFSC कोड के बारे में हमने अपनी पिछली पोस्ट में जानकारी दी है |

MICR कोड के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले हमें इसके फुल फॉर्म की जानकारी होना आवश्यक है | MICR कोड का फुल फॉर्म MAGNETIC INK CHARACTER RECOGNITION होता है |

एमआईसीआरकोड 9 अंको का होता है | और हर बैंक ब्रांच का अपना अलग एक यूनिक MICR कोड होता है | MICR कोड के 9 अंकों में पहले 3 अंक शहर का नाम दर्शाते हैं | अगले 3 अंकों में बैंक का नाम दिया रहता है | और अंतिम 3 अंक बैंक ब्रांच के बारे में होते हैं |

भारत में एमआईसीआर कोड का पहली बार उपयोग 1980 में किया गया | इस वर्ष सबसे पहले MICR यूनिक कोड सिस्टम को चेक क्लीयरिंग सिस्टम में उपयोग किया गया था | तब से इस कोड का उपयोग बैंकिंग क्षेत्र में किया जाने लगा |

MICR कोड में मैग्नेटिक करैक्टर का उपयोग किया जाता है | जो कि चेक के नीचे एक सफेद लाइन के रूप में होते हैं | जिन्हें एमआईसीआर बैंड कहा जाता है | इस कोड का उपयोग अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन के लिए भी किया जाता है | जिससे ट्रांजैक्शन की सुरक्षा काफी बढ़ जाती है |

एमआईसीआर कोड काफी सुविधाजनक और सुरक्षित है | MICR कोड संख्या में 9 होते हैं | जो कि क्रमशः पहले 3 अंक शहर , अगले 3 अंक बैंक और अंतिम तीन अंक बैंक ब्रांच को दर्शाते हैं |

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