इसके बाद धीरे-धीरे भारत सरकार के द्वारा मारुति सुजुकी में अपनी हिस्सेदारी को कम कर दिया गया तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश किया गया। जैसे जैसे भारत सरकार अपनी हिस्सेदारी कम कर रही थी वैसे वैसे ही सुजुकी मोटर्स के द्वारा इसकी हिस्सेदारी में अपना भाग बढ़ाते जा रही थी।