क्यों दिवाली पर चर्चा में रहता है उल्लू? जानिए अगर किसी ने ऐसा किया तो होगी जेल!
क्यों दिवाली पर चर्चा में रहता है उल्लू? जानिए अगर किसी ने ऐसा किया तो होगी जेल!
दिवाली आने के साथ ही उल्लू पर भी चर्चा शुरू हो गई है.
दिवाली आने के साथ ही उल्लू पर भी चर्चा शुरू हो गई है.
दरअसल, विश्व वन्यजीवन कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने उल्लू को लेकर जागरुकता फैलने और इसकी तस्करी बंद करने की आवश्यकता जताई है.
दरअसल, विश्व वन्यजीवन कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने उल्लू को लेकर जागरुकता फैलने और इसकी तस्करी बंद करने की आवश्यकता जताई है.
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने उल्लू की बलि को लेकर ये फैसला लिया है. तो आज हम आपको बताते हैं कि दिल्ली पर उल्लू की चर्चा क्यों होती है.
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने उल्लू की बलि को लेकर ये फैसला लिया है. तो आज हम आपको बताते हैं कि दिल्ली पर उल्लू की चर्चा क्यों होती है.
दिवाली पर क्यों होती है उल्लू की चर्चा? दरअसल, दिवाली पर उल्लू अंधविश्वास की भेंट चढ़ते हैं.
दिवाली पर क्यों होती है उल्लू की चर्चा? दरअसल, दिवाली पर उल्लू अंधविश्वास की भेंट चढ़ते हैं.
भारत में उल्लुओं के बारे में यह धारणा है कि अगर दीपावली के मौके पर इस पक्षी की बलि दी जाए तो धन-संपदा में वृद्धि होती है. ऐसे में कई लोग उल्लुओं की बलि देते हैं
भारत में उल्लुओं के बारे में यह धारणा है कि अगर दीपावली के मौके पर इस पक्षी की बलि दी जाए तो धन-संपदा में वृद्धि होती है. ऐसे में कई लोग उल्लुओं की बलि देते हैं
क्या कहता है कानून? - वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के जरिए देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने और अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है.
क्या कहता है कानून? - वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के जरिए देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने और अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है.
इस कानून के तहत 66 धाराएं हैं और इसमें 6 अनुसूचियां हैं. अलग अलग अनुसूचियों में अलग अलग सजा का प्रावधान है
इस कानून के तहत 66 धाराएं हैं और इसमें 6 अनुसूचियां हैं. अलग अलग अनुसूचियों में अलग अलग सजा का प्रावधान है
जिनमें वन्यजीवों की गंभीरता से अलग अलग सूचियों में रखा गया है. इसमें 10000 रुपये के जुर्माना से लेकर 10 साल की सजा का प्रावधान है.
जिनमें वन्यजीवों की गंभीरता से अलग अलग सूचियों में रखा गया है. इसमें 10000 रुपये के जुर्माना से लेकर 10 साल की सजा का प्रावधान है.