Recession: क्या भारत में भी आने वाली है मंदी? ये 5 फैक्टर दे रहे कई बड़े संकेत

भारत में कुछ संकेत इस बात की ओर इशारा देने लगे हैं कि भविष्य में स्थिति बिगड़ सकती है. जैसे, सितंबर में वस्तुओं के निर्यात में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है.

दूसरा बड़ा संकेत ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने में व्यापार घाटा करीब दोगुना हो गया है.

तीसरा संकेत देखें तो जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि सुस्त पड़कर 2.4 प्रतिशत रही है. चौथा, अगस्त में बुनियादी उद्योग की वृद्धि नौ माह के निचले स्तर 3.3 प्रतिशत पर आ गई है.

दिनों दिन ईंधन और गैसों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे उलटा असर आर्थिक वृद्धि दर पर देखा जा सकता है.

अभी हाल में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त महीने में देश का निर्यात 20 महीनों के बाद पहली बार गिरा. इसमें 1.15 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई और यह 33 अरब डॉलर पर आ गया.

चिंता की बात ये है कि देश में जितना निर्यात हुआ उससे दोगुने से अधिक आयात किया गया.

सरकारी आंकड़े के मुताबिक देश में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में अगस्त 2023 में क्रमशः 3.3 परसेंट और 0.9 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई.

एक तरफ गिरावट तो दूसरी ओर नेचुरल गैस के दामों में उछाल देखा जा रहा है. सीएनजी और पीएनजी के दाम में लगातार बढ़ोतरी जारी है.