मैनेजमेंट (management) की फील्ड इन दिनों युवाओं को खूब लुभाती है। मल्टीनेशनल एवं कारपोरेट (multinational and corporate) में बतौर मैनेजर अच्छी सैलरी उठाने एवं बेहतरीन जिंदगी जीने के युवा सपने देखते हैं।

एचआर मैनेजमेंट भी इन दिनों एक ल्यूक्रेटिव फील्ड (lucrative field) यानी लाभप्रद क्षेत्र है।

युवा बतौर एचआर मैनेजर (HR manager) अपनी एवं अपनी कंपनी (company) के कर्मचारियों की बेहतरी के लिए कार्य करते हैं।

इस पोस्ट (post) में हम आपको एचआर (HR) के तमाम पहलुओं से रूबरू कराएंगे। आपको बस इतना करना है कि इस पोस्ट को शुरू से आखिर तक पढ़ें।

दोस्तों, सबसे पहले एचआर की फुल फाॅर्म (full form of HR) जान लेते हैं। इसकी फुल फाॅर्म है ह्यूमन रिसोर्स (human resources)। इसे हिंदी में मानव संसाधन भी पुकारा जाता है।

इस टर्म के भीतर किसी कंपनी अथवा इंडस्ट्री (company and industry) के सभी कर्मचारी/श्रमिक आते हैं। मानव संसाधन ही कंपनी की रीढ़ होता है, जो उसकी तरक्की सुनिश्चित करता है।

मानव संसाधन प्रबंधन (human resource management) मैनेजमेंट की एक शाखा है। यदि कारपोरेट जगत (corporate world) की बात करें तो इन दिनों अधिकांशतः प्रत्येक कंपनी में एक एचआर विभाग (HR department) होता है, जिसका हेड जीएम एचआर होता है। इसके नीचे कई मैनेजर काम करते हैं।

कंपनी में मानव संसाधन की स्थिति का लेखा जोखा रखने के साथ ही मानिटरिंग भी यही विभाग करता है। सामान्य रूप से कहें तो कार्य के लिहाज से कम होने पर कर्मचारियों/श्रमिकों की भर्ती करना एवं अधिक होने पर छंटनी करना भी इसी विभाग के कार्य का हिस्सा है।

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