यदि आप भी ग्राफिक डिजाइनर (graphic designer) बनना चाहते हैं तो आप कैसे बन सकते हैं आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे। आइए, शुरू करते हैं-

ग्राफिक डिजाइनर कौन होता है? (Who is a graphic designer?)

आम तौर पर ग्राफिक डिजाइनर का कार्य सूचना के आदान प्रदान हेतु रिपोर्ट, ब्राशर्स आदि के लिए विजुअल कंटेंट (visual content) यानी दृश्यात्मक सामग्री उपलब्ध कराना होता है। मैनुअल (manual) के अलावा इसके लिए वह साॅफ्टवेयर (software) का इस्तेमाल करता है।

ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स में प्रवेश के लिए कौन कौन सी प्रवेश परीक्षा होती हैं?

दोस्तों, कई राष्ट्रीय संस्थान हैं, जो अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा यानी आल इंडिया एंट्रेंस टेस्ट (all india entrance test) के आधार पर छात्र छात्राओं को प्रवेश देते हैं।

एक ग्राफिक डिजाइनर को कितनी सैलरी प्राप्त होती है?

आपको बता दें कि यद्यपि सैलरी कंपनियों के अनुसार भिन्न भिन्न होती है। लेकिन आम तौर पर एक ग्राफिक डिजाइनर की शुरूआती सैलरी दो लाख रूपये सालाना तक होती है। वहीं, कुछ अनुभव के पश्चात वे आराम से छह लाख रूपये वार्षिक तक वेतन प्राप्त कर सकते हैं।

ग्राफिक डिजाइनर का कोर्स करने में कितनी फीस आती है?

मित्रों, ग्राफिक डिजाइन कोर्स की फीस अलग अलग संस्थान के हिसाब से अलग अलग होती है। राष्ट्रीय संस्थानों में उनकी प्रतिश्ठा के अनुसार यह अधिक होती है, जबकि अन्य में कम। लेकिन मानकर चलिए कि हर तरह के शुल्क मिलाकर करीब 50 हजार रूपये सालाना फीस न्यूनतम आपको भरनी ही होगी।

क्या ग्राफिक डिजाइन का कोर्स करने के पश्चात सीधे अच्छी कंपनी में जाॅब लग जाती है?

इंडस्ट्री का ट्रेंड बताता है कि ग्राफिक डिजाइन करने के पश्चात एक युवा को पहले किसी कंपनी में अप्रेंटिसशिप (apprenticeship) करनी होती है।

ग्राफिक डिजाइनर क्या करता है?

एक ग्राफिक डिजाइनर रिपोर्ट आदि के लिए विजुअल कंटेंट उपलब्ध कराता है। इसके लिए वह फोटोग्राफ, एनिमेशन आदि का इस्तेमाल करता है।

ग्राफिक डिजाइन के कोर्स के बाद क्या क्या करियर आप्शन हैं?

ग्राफिक डिजाइन के कोर्स के बाद कई करियर आप्शन हैं। जैसे-ग्राफिक डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर, फोटो एडिटर, मल्टीमीडिया डिजाइनर आदि।

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