इन दिनों ग्राफिक डिजाइनिंग (graphic designing) रोजगार का एक बहुत अच्छा जरिया है। कोई भी समाचार पत्र हो, मैगजीन हो, एडवरटाइजिंग एजेंसी हो अथवा सोशल मीडिया एजेंसी हरेक को ग्राफिक डिजाइनर की जरूरत रहती है।
यही वो शख्स है, जो अपनी डिजाइनिंग से उनके प्रोडक्ट संबंधी जानकारी को दर्शनीय/आकर्षक बना देता है।
बहुत से ऐसे युवा हैं, जो ग्राफिक डिजाइनर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। बहुत से नौकरी कर रहे हैं तो कुछ ने फ्री लांस काम शुरू किया हुआ है।
आम तौर पर ग्राफिक डिजाइनर का कार्य सूचना के आदान प्रदान हेतु रिपोर्ट, ब्राशर्स आदि के लिए विजुअल कंटेंट (visual content) यानी दृश्यात्मक सामग्री उपलब्ध कराना होता है।
मैनुअल (manual) के अलावा इसके लिए वह साॅफ्टवेयर (software) का इस्तेमाल करता है।
बेहतरीन विजुअल्स (visuals) के लिए वह डिजाइन, फोटोग्राफ (photograph), कलर (colour), टाइपोग्राफी (typography), इलस्ट्रेशन (illustration) आदि का सहारा लेता है।
यदि कोई युवा क्रिएटिव (creative) है और डिजाइनिंग (designing) में उसकी रूचि है तो वह इस करियर में बहुत आगे तक जा सकता है।
वह किसी नियोक्ता कंपनी (employer company) के साथ अथवा बतौर फ्री लांसर (free lancer) अपने आपको स्थापित कर सकता है।
अधिकांशतः ग्राफिक डिजाइनिंग में अंडर ग्रेजुएट कोर्स (under graduate courses) होते हैं, जो सामान्यतः चार वर्ष के होते हैं। वहीं, इसमें पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स (post graduate courses) भी होते हैं, जिनकी अवधि अमूमन दो वर्ष की होती है।
आपको बता दें दोस्तों कि अंडर ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश लेने के लिए अभ्यर्थी को किसी मान्यता बोर्ड (recognised board) से अच्छे अंकों के साथ 10+2 अथवा समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करनी आवश्यक है।
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