जब भी किसी माल की सप्लाई किसी दूसरे शहर में होती है तो ट्रांसपोर्टर को वे बिल दिखाना पड़ता है। लेकिन जब आप 50 हजार रूपये अथवा इससे अधिक कीमत का माल भेजते हैं अथवा सप्लाई करते हैं तो आपको साथ में ई वे बिल (e way bill) भेजना होता है।
यह बिल इलेक्ट्रानिक फाॅर्म में होता है, इसीलिए ई वे बिल कहलाता है। आपको बता दें कि सरकार ने 1 फरवरी, 2018 को देश भर में ई-वे बिल सिस्टम लागू किया था। इसके लागू होने के बाद हर राज्य के लिए अलग-अलग ट्रांसपोर्ट पास की जरूरत नहीं होती।
अब यदि अफसर माल लदे वाहन को आधे घंटे से ज्यादा रोकता है तो उसे जवाब देना होता है। उसे ऑनलाइन डिटेंशन आर्डर देकर बताना होता है कि उसने संबंधित कंसाइनमेंट क्यों रोका? उसके बाद उसने क्या दस्तावेज चेक किए? कब तक अपनी तफ्तीश जारी रखी? उस तफ्तीश का नतीजा क्या निकला आदि।
ई वे बिल जारी करने के लिए ई वे बिल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होता है।
वे बिल पोर्टल पर किन किन लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा दी गई है। यानी इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कौन कौन करा सकता है-
1. जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी।2. जीएसटी में रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्टर ।3. जीएसटी में अनरजिस्टर्ड 4. कारोबारी।5. जीएसटी में अनरजिस्टर्ड6. ट्रांसपोर्टर।
ई-वे बिल पोर्टल पर कौन कौन रजिस्ट्रेशन करा सकता है?
एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमा में प्रवेश करते वक्त अधिकांश बार्डर पर जन सेवा केंद्रों में ई वे बिल बनाने की सुविधा प्रदान की गई है। यहां मामूली सा शुल्क भरकर ई वे बिल रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। बहुत से ट्रांसपोर्टर्स ई वे बिल रजिस्ट्रेशन के लिए इस सुविधा का लाभ उठाते हैं।
यदि कोई कारोबारी 50 हजार रूपये से अधिक का सामान भेज रहा है एवं उसके साथ ई वे बिल नहीं है तो उस पर 10 हजार रूपये अथवा माल पर बनने वाले टैक्स के बराबर जुर्माना लग सकता है।
यदि आप जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी हैं तो ई वे बिल रजिस्ट्रेशन कैसे करा सकते हैं इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे क्लीक करें -