रेप (rape) कह लीजिए अथवा बलात्कार। यह किसी भी महिला के जीवन में घटने वाली सबसे बुरी घटना होती है। वह इसकी दर्दनाक एवं डरावनी याद को कभी भुला नहीं पाती।

इस जुर्म को कानून ने भी घिनौने की श्रेणी में रखा है। कहा जाता है कि देश की राजधानी दिल्ली महिलाओं की दृष्टि से सबसे असुरक्षित शहर है।

अभी तक आपने रेप (rape), मैरिटल रेप (Marital rape), गैंग (gang rape) रेप के ही नाम सुने होंगे, लेकिन इन दिनों इन सबसे इतर डिजिटल रेप (digital rape) को लेकर बहस छिड़ी हुई है।

इससे पहले डिजिटल रेप  जैसा शब्द चलन में नहीं आया। जाहिर है कि इस शब्द को लेकर लोगों में अनभिज्ञता है। डिजिटल रेप क्या होता है?  इसकी क्या सजा है?  इस आदि बिंदुओं पर हम आज आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे। आइए, शुरू

  डिजिटल रेप क्या होता है?

सबसे पहले जान लेते हैं कि रेप क्या होता है? (What is rape?) सामान्य रूप से किसी भी स्त्री की सहमति के बगैर जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए जाना रेप (rape) कहलाता है।

डिजिटल रेप क्या होता है?

डिजिटल रेप  में दो शब्द इस्तेमाल हुए हैं। डिजिटल  एवं रेप (rape)। रेप का अर्थ तो हम आपको स्पष्ट कर ही चुके हैं। अब आते हैं डिजिटल पर। यहां डिजिटल (digital) का अर्थ डिजिट (digit) से है। साधारणतः डिजिट का अर्थ अंक से लगाया जाता है।

डिजिटल रेप शब्द पर अचानक चर्चा क्यों

नोएडा में एक पेंटर पर नाबालिग के साथ डिजिटल रेप का मुकदमा दर्ज होने के बाद इस शब्द पर चर्चा शुरू हो गई है। यह अपनी तरह का पहला मामला है।

इसकी खासियत क्या है?

महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय में सन् 2012 में पॉक्सो एक्ट बनाया था। यह नाबालिगों के यौन उत्पीड़न, यौन अपराध, पोर्नोग्राफी आदि से जुड़े मामलों से संबंधित है। इसमें अलग अलग अपराध के लिए अलग अलग सजा निर्धारित की गई है।

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