उत्तर प्रदेश एवं बिहार इस मामले में खासे बदनाम थे। कई बार लाठी, गोली चल जाती थी। ऐसी घटनाओं को पर रोकथाम के लिए एक आचार संहिता की आवश्यकता महसूस हुई। यद्यपि आचार संहिता लागू होने के बाद भी इस प्रकार की घटनाएं पूरी तरह नहीं रूकीं, लेकिन उनमें बहुत कमी आई है।