चेक बाउंस होने के बारे में और यह होता क्या है, इसके बारे में। तो इसे हम सरल शब्दों में आपको समझाने का प्रयास करेंगे ताकि आप इसे पहली बार में ही समझ जाए कि आखिरकार यह चेक बाउंस होना क्या होता है

अब यदि आपका या किसी अन्य व्यक्ति का बैंक में खाता है और वह व्यक्ति अपने बैंक की चेक बुक से एक चेक काट कर आपको देता है।

जिस भी व्यक्ति ने उस चेक को जारी किया है और जो राशि उस चेक में लिखी हुई है, वह राशि उसके खाते में जमा राशि से अधिक हो। इस स्थिति में बैंक उस राशि से अधिक राशि चेक में लिखे जाने पर उस चेक को निरस्त कर देता है।

यदि किसी व्यक्ति का चेक बाउंस हो जाता है तो बैंक उसे लिखित में यह जानकारी देता है और उसे इसका कारण भी बताता है।

चेक बाउंस होने पर धारा 138 के तहत उस व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने का विकल्प खुला रहता है।

चेक बाउंस होने पर 2 वर्ष का कारावास या ब्याज सहित पैसों को लौटाना या दोनों तरह की सजा का प्रावधान शामिल है।

यदि आपके द्वारा लगाया गया चेक बाउंस हो जाता है और आप उस व्यक्ति को पुनः भुगतान करने के लिए भी कह देते हैं और 15 दिनों का समय भी व्यतीत हो जाता है और वह व्यक्ति आपको पैसों का भुगतान नहीं करता है

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