इन दिनों लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की खरीद को लोग प्रमुखता दे रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकना है तो वहीं पेट्रोल-डीजल की महंगी दरों से अपनी जेब को बचाना भी है।

इन दिनों लोग इलेक्ट्रिक वाहनों  की खरीद को प्रमुखता दे रहे हैं। 

इन दिनों लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की खरीद को लोग प्रमुखता दे रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकना है तो वहीं पेट्रोल-डीजल की महंगी दरों से अपनी जेब को बचाना भी है।

इसका एक प्रमुख कारण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकना है तो वहीं पेट्रोल-डीजल की महंगी दरों से अपनी जेब को बचाना भी है। सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिए भारी-भरकम सब्सिडी दे रही हैं।

इन दिनों लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की खरीद को लोग प्रमुखता दे रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकना है तो वहीं पेट्रोल-डीजल की महंगी दरों से अपनी जेब को बचाना भी है।

इन वाहनों में लोगो को बैटरी को चार्ज करने से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शहरों में चार्जिंग स्टेशन के लिए जगह कम पड़ रही है।

इन दिनों लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की खरीद को लोग प्रमुखता दे रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकना है तो वहीं पेट्रोल-डीजल की महंगी दरों से अपनी जेब को बचाना भी है।

ऐसी स्थिति में सरकार ने आम बजट-2022-23 में बैटरी स्वैपिंग पाॅलिसी लाए जाने की घोषणा की है।

इन दिनों लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की खरीद को लोग प्रमुखता दे रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकना है तो वहीं पेट्रोल-डीजल की महंगी दरों से अपनी जेब को बचाना भी है।

सरकार 2030 तक निजी कारों में 30 प्रतिशत, कामर्शियल वाहनों में 70 प्रतिशत एवं दोपहिया के साथ ही तिपहिया वाहनों में 80 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।

इन दिनों लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की खरीद को लोग प्रमुखता दे रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को रोकना है तो वहीं पेट्रोल-डीजल की महंगी दरों से अपनी जेब को बचाना भी है।

सरकार 2030 तक निजी कारों में 30 प्रतिशत, कामर्शियल वाहनों में 70 प्रतिशत एवं दोपहिया के साथ ही तिपहिया वाहनों में 80 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।

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