अश्वगंधा एक प्रकार की जड़ी बूटी होती हैं जो कई तरह के पौदों के मिश्रण से तैयार की गयी होती हैं। यह दो शब्दों के मेल से बना हुआ हैं अश्व व गंधा। इसमें अश्व का अर्थ घोड़े से हैं जबकि गंधा का अर्थ किसी चीज़ की सुगंध से हैं।

तो अश्वगंधा में घोड़े के (Ashwagandha kya hota hai) जैसी सुगंध आती हैं तो इसी कारण इसे अश्वगंधा का नाम दिया गया हैं। यह चेरी के पौधों से भी बनाई जाती हैं और इसे बनाने के कुछ अन्य तरीके भी हैं।

अश्वगंधा का पौधा वनों में भी पाया जाता है तो कहीं जगह पर इसकी खेती भी होती हैं। इसमें भी दो तरह के प्रकार होते हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि जो अश्वगंधा का पौधा वनों में पाया जाता हैं वह ज्यादतर जहरीला होता हैं।

अश्वगंधा में कई तरह के गुण पाए जाते हैं जो इसकी महत्ता को दर्शाते हैं। इसी कारण अश्वगंधा को आयुर्वेद में इतना प्रमुख स्थान दिया गया हैं। एक तरह से यह मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता हैं।

अश्वगंधा कई तरीको से बाजार में मिलता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आपको बाजार में या दवाइयों की दुकान पर अश्वगंधा का पाउडर, कैप्सूल या गोली सब मिल जाएँगी। इसके अलावा इसे भोजन में मिलाकर या सप्लीमेंट में भी दिया जाता है।

दरअसल इसका सेवन करने का जो समय सबसे सही व उत्तम माना जाता है वह भी रात को सोते समय लेना। इसलिए यदि आप अश्वगंधा का पूरा पूरा फायदा उठाना चाहते हैं तो इसके लिए रात को सोने से कुछ देर पहले ही इसका सेवन कर लेंगे तो बहुत बढ़िया रहेगा।

अब जब आपने अश्वगंधा के बारे में इतना सब जान लिया तो अवश्य ही आपको यह पता चल गया होगा कि अश्वगंधा आपके लिए कितना लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं। इसके सही उपयोग से ना केवल आप बल्कि आपका भविष्य भी सुरक्षित बनेगा।

अब जब आपने अश्वगंधा के बारे में इतना सब जान लिया तो अवश्य ही आपको यह पता चल गया होगा कि अश्वगंधा आपके लिए कितना लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं। इसके सही उपयोग से ना केवल आप बल्कि आपका भविष्य भी सुरक्षित बनेगा।

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