दोस्तों, सबसे पहले आंगनबाड़ी के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि भारत में इस योजना को 2 अक्तूबर, 1975 को लांच किया गया था।

इसे मां और बच्चे के देखभाल केंद्र अथवा चाइल्ड एवं मदर केयर सेंटर (child and mother care center) के तौर पर स्थापित किया गया था।

वर्तमान में यह मां एवं बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी देखभाल प्रदान करती है। इसके माध्यम से सरकार सभी तरह की गर्भवर्ती महिलाओं एवं छह वर्ष तक के बच्चों के पौष्टिक भोजन (nutritious food), शिक्षा (education), स्वास्थ्य (health), जांच (test) एवं प्रतिरक्षण यानी टीकाकरण (vaccination) संबंधी व्यवस्था करती है।

यह योजना सरकार की समेकित बाल विकास योजना (Integrated child development scheme) के अंतर्गत आती है। इसका संचालन केंद्र का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (ministry of women and child development) करता है।

आपको बता दें दोस्तों कि 2005-06 से पूर्व महिलाओं एवं बच्चों को अतिरिक्त पोषण एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की थी। केंद्र केवल प्रशासनिक खर्चों (administrative expenses) का जिम्मा उठाता था।

लेकिन 2009-10 से इस योजना का 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार (Central Government) एवं 10 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार (state government) वहन करती है।

कई बार इस बजट (budget) के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों में खतो किताबत भी चलती है। अब आंगनबाड़ी बच्चों को बेसिक स्वास्थ्य सुविधाओं (basic health facilities) के साथ ही बचें को प्री स्कूल शिक्षा (pre school education) भी उपलब्ध कराती हैं।

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