सामान्य या सवर्ण जाति के अंतर्गत जो भी भारत का निवासी आता है | व वह आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है तो उन लोगों को सरका80र द्वारा नौकरियों और शिक्षा के संस्थानों में 10 प्रतिशित आरक्षण की छूट दी जाएगी |
जो की कानूनी तौर पर वैध होगा | इस 10% सवर्ण आरक्षण को 07 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा लांच किया गया था | सवर्ण आरक्षण का मुख्य उद्देश्य था
वास्तविक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग के समुदाय के जो लोग हैं उन्हें दस प्रतिशित आरक्षण देकर रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन अवसर प्रदान करना |
सवर्ण आरक्षण के लिए वार्षिक आय आठ लाख तक की आय तय की गयी है | जो भी साल भर में व्यक्ति 8 लाख से कम आमदनी जुटा पाता है केवल उन्हीं को इस सुविधा का लाभ दिया जायेगा |
पर ससंद में इस बिल के पास होने के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि भविष्य में राज्य सरकारें आठ लाख की वार्षिक आय की सीमा को बढ़ा या घटा भी सकती हैं |
दस प्रतिशित सवर्ण आरक्षण के तहत व्यक्ति की कृषि भूमि की सीमा भी तय की गयी है | सामान्य वर्ग के अंतर्गत जो लोग आते हैं उनके पास अगर कृषि भूमि 5 एकड़ से कम है तो ही उनको आरक्षण दिया जायेगा |
सवर्ण होने के बावजूद भी अगर किसी व्यक्ति पर पांच एकड़ से अधिक जमीन है तो वह इस योजना के अंतर्गत नहीं आते और ना ही आरक्षण के लिए आवदेन कर सकते हैं |
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