जब आपको यह पता चल जाए कि आपका बिजली मीटर दोस्तों है या सही से काम नहीं कर रहा है तो सबसे पहले आपको अपनी बिजली प्रदाता कंपनी को सूचित कर देना चाहिए।
क्योंकि बिजली मीटर या तो बिजली उपभोक्ता अथवा बिजली देने वाली कंपनी से जुड़ा हो सकता है लेकिन बिजली मीटर को सामान्य बनाए रखने की जिम्मेदारी वास्तव में बिजली वितरण कंपनी की होती है।
सीईआरसी (केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग) के नियमों के अनुसार, बिजली वितरण कंपनियों को हर पाँच साल में, एक बार उपभोक्ता के बिजली मीटर का जांच अवश्य करनी चाहिए
जिसकी लागत भी कंपनी है देगी। इस नियम के अनुसार बिजली मीटर की सुरक्षा और सामान्य बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ बिजली वितरण कंपनी की होती है।
यदि आप अपने बिजली मीटर की सही जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि वह सही से काम कर रहा है या नहीं तो इसके लिए आपको बिजली वितरण कंपनी के लिए आवेदन करने के लिए शुल्क देना पड़ेगा
आपके द्वारा आवेदन किए जाने के बाद आपके बिजली मीटर का परीक्षण राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिकृत प्रयोगशाला की प्रयोगशाला मैं किए जाते हैं।
बिजली मीटर की जांच कुछ महीने में की जाती है अपनी जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के अंदर 2 महीनों में बिजली मीटर की जांच कर सके उसकी रिपोर्ट बिजली उपभोक्ता को दे दी जाती है।
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