हमारे देश में बिजली का मानक वितरण कई तरीकों से होता है जिसमें से सिंगल फेज में बिजली वितरण 230 बोल्ट माना जाता है तथा तीन कनेक्शन में बिजली 415 बोल्ट वितरण 3 लाइन अथवा भागो में बाटा जाता है
जिसमें हर लाइन को 230 बोल्ट में बांटा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हमारे देश में बाजार में बिकने वाले लगभग सभी उपकरण 220 से 240 बोल्ट तक के होते हैं
यदि हमें कम अथवा ज्यादा बोल्टेज पर उपकरणों को सही तरीके से काम करने के लिए सुधार की जरूरत होती है जिसे हम कनेक्शन भी कहते हैं
बोल्टेज के उतार चढ़ाव के आधार पर विभिन्न विभिन्न उपकरण भिन्न-भिन्न व्यव्हार करते हैं आमतौर पर बोल्टेज स्टेबलाइजर दो प्रकार के होते हैं।
जो उपकरण मोटर के बिना (रेसिस्टिव लोड आधारित) उपकरणों के तहत निम्नलिखित कई उपकरण आते हैं जिनकी जानकारी हम आपको नीचे उपलब्ध करा रहे हैं जो कुछ इस प्रकार हैं। जैसे बल्ब, ट्यूब लाइट, सीएफएल, हीटर
मोटर के बिना उपकरण वोल्टेज के उतार-चढ़ाव पर किस तरह प्रभाव डालते है- प्रकाश उत्पन्न करने वाले उपकरण जैसे बल्ब ट्यूबलाइट सीएफएल आदि हीटर जैसे कमरे और पानी के हीटर इन सभी उपकरणों के लिए वोल्टेज स्टेबलाइजर की जरूरत नहीं होती है
जैसे कि जब वोल्टेज बहुत कम होते हैं तब इन सभी उपकरणों में करंट भी कम प्रवाहित होता है यानी जब इन उपकरणों में वोल्टेज कम हो जाता है तब इन उपकरणों का आउटपुट भी कम हो जाता है।
उपकरणों पर वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से बिजली पर क्या प्रभाव पड़ता है? ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए क्लिक करे?