बैंक लोन (bank loan) ने लोगों के लिए जिंदगी को आरामदायक बनाने का रास्ता मुहैया करा दिया है। वे ईएमआई (EMI) के सहारे घर, कार सब कुछ जुटा रहे हैं। यद्यपि ऐसे लोग भी होते हैं, जो ईएमआई देने में सक्षम नहीं होते और बाद में उन्हें घर अथवा कार बेचकर लोन वापसी करनी होती है।

यदि कोई लगातार अपने लोन की ईएमआई नहीं चुकाता है तो बैंक उसे डिफाल्टर घोषित कर सकता है। ऐसे व्यक्ति की सिबिल खराब हो जाएगी व भविष्य में उसे लोन नहीं मिलेगा।

लेकिन ऐसे लोगों की संख्या अपेक्षाकृत बहुत कम होती है। अधिकांश लोगों के लिए ईएमआई पर कुछ भी खरीदना आसान होता है। ईएमआई क्या होती है? इसमें क्या क्या शामिल होता है? ईएमआई कैसे कैलकुलेट की जाती है? आज ऐसे ही प्रश्नों के जवाब हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से देंगे।

ईएमआई की फुल फाॅर्म इक्वेटेड मंथली इंस्टालमेंट (equated monthly income) होती है। इसे हिंदी में सम मासिक किस्त भी पुकारा जाता है। जब भी आप कोई लोन लेते हैं तो आपको उसे बराबर मासिक किस्तों में चुकाना होता है।

यानी एक बराबर राशि हर माह निर्धारित तिथि को निर्धारित अवधि के लिए लोन प्रोवाइडर loan provider बैंक अथवा वित्तीय संस्थान को चुकानी होती है। कई बैंक ईएमआई आनलाइन (online) जमा करने का भी आप्शन (option) देते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक ईएमआई में प्रिंसिपल अमाउंट (principal amount) के साथ ही ब्याज (interest) भी शामिल होता है। इसका फार्मूला (formula) इस प्रकार से है- EMI=principal amount+interested paid on loan

विभिन्न बैंकों के अपने आनलाइन ईएमआई कैलकुलेटर (online EMI calculator) यानी आटोमेटिक टूल (automatic tool) भी हैं, जिनके जरिए आप आसानी से अपनी ईएमआई कैलकुलेट  कर सकते हैं। इसमें आपको प्रिंसिपल अमाउंट ब्याज दर और लोन टेन्योर यानी ऋण अवधि भरनी होगी।

ईएमआई क्या होती है? लोन की ईएमआई कैलकुलेट कैसे करें? इसकी ज्यादा जानकारी के लिए  नीचे लिंक पर क्लिक करें?